Friday, 5 May 2017

मातृभू

आखरी खून कि बुंद तक हम लढेंगे
काश्मीर हो या जंगली लाल सलाम 
जब तक ना खतम करेंगे चूप नहीं बैठेंगे
कृष्ण ने धर्म बचाया राम ने दुष्ट को मारा
हम भी उनकी संतान है गोली के बदले बम लगा देंगे
मातृभू को फिर से पावन बनायेंगे....
-निखिल हुंडेकर

*राष्ट्रास*

राष्ट्राचा विनाश करी जो  त्यास आम्ही भिडनार...  परकीय वा असो स्वकीय आमुचे   त्यास आम्ही नडणार.. हे राष्ट्र आमुचे ही माती आमुची  ...